रिक्शा चालक की बेटी स्वप्ना बर्मन ने किया देश का सिर ऊंचा-Digitalhindinews

               एशियन गेम्स में भारत के लिए हेप्टाथलन स्पर्धा में स्वर्ण पदक लाकर स्वप्ना बर्मन ने देश के नाम एक नया इतिहास लिखा है वह इन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय है। दांत में दर्द होने के बावजूद स्वप्ना बर्मन ने दो दिनों तक चली सात स्पर्धाओं में 6026 अंक बनाए,स्वप्ना बर्मन स्वर्ण पदक जीतने के बाद शोहरत की बुलंदियों पर पहुंच गई है हालांकि एशियन गेम्स में भाग लेने के लिए जकार्ता जाने से पहले उनके हालात ठीक नहीं थे । स्वप्ना बर्मन जब एशियन गेम्स की तैयारी कर रही थी तो उनके दोस्तों ने उनका साथ छोड़ दिया था यहां तक कि उनके जो सबसे करीबी थे उन्हें भी लगता था कि यह किसी भी पद के दावेदार नही

रिक्शा चालक की बेटी स्वप्ना बर्मन ने बढ़ाया देश का मान, एशियन गेम्स में जीता स्वर्ण पदक :-

        बंगाल सरकार ने जलपाईगुड़ी ई रिक्शा चालक की बेटी स्वप्ना के लिए 10 लाख का पुरस्कार और सरकारी नौकरी की घोषणा की है हालांकि यह राशि देखने में बहुत कम है परंतु स्वप्ना कभी भी इसे लेकर कोई नकारात्मक बात नहीं की। सीता ने कहा “सरकार ने मुझे 10 रुपए पुरस्कार दिया है यह बात मीडिया से पता चली लोग कह रहे हैं यह रकम बहुत कम है परंतु मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है मैं बहुत खुश हूं”

जानिए क्या होता है हेप्टाथलन:
          हेप्टाथलन में ऐथलीट को कुल 7 स्टेज में हिस्सा लेना होता है। पहले स्टेज में 100 मीटर फर्राटा रेस होती है। दूसरा हाई जंप, तीसरा शॉट पुट, चौथा 200 मीटर रेस, 5वां लॉन्ग जंप और छठा जेवलिन थ्रो होता है। इस इवेंट के सबसे आखिरी चरण में 800 मीटर रेस होती है। इन सभी खेलों में ऐथलीट को प्रदर्शन के आधार पर पॉइंट मिलते हैं, जिसके बाद पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के ऐथलीट का फैसला किया जाता है।


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